परिसर में सत सनातन मिशन की ओर से एक सनातन सत्संग का आयोजन किया गया। साध संगत को सम्बोधित करते हुए सतगुरु बाबा सनातन महाराज ने कहा कि आज इंसान जितना संसार के प्रति जगा हुआ है उतना ही अध्यात्म के प्रति सोया हुआ है। जो मनुष्य विश्व के हर मानव को अपना कुटुम्ब मानता है उसकी गणना उदार चरित्र वालों में होती है। यही वसुधैव कुटुंबकम की भावना है। संसार में वसुधैवकुटुम्बकम की भावना तभी स्थापित होगी जब आध्यात्मिक जागृति आएगी और बिना ब्रह्मज्ञान से आध्यात्मिक जागृति आ नहीं सकती। उन्होंने अपने प्रवचन में कहा कि युगों - युगों से सतगुरु के शरण में जाकर ही ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति हुई है। बिना सतगुरु से ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति संभव नहीं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में आध्यात्मिक पतन के कारण ही लोग गलत राह पकड़ लिए हैँ। जिससे ऊँची डिग्रियां हासिल करने के बावजूद उनकी नैतिक, चरित्र और संस्कार में पतन हो रही है। उन्होंने हर इंसान से ब्रह्मज्ञान प्राप्त करने पर जोड़ दिया और कहा कि जब ब्रह्म की अनुभूति हो जाती है तो हर इंसान में ब्रह्म नजर आने लगता है। फिर सभी के प्रति मन में प्रेम, नम्रता, दया की भावना उत्पन्न हो जाती है। सतसंग का संचालन महात्मा जालम सिंह ने किया। मझौले से आये हुए धर्मवीर और जमालुद्दीनपुर से आये हुए सत्यवीर ने अपने विचारों और भजनो से साधसगतो को प्रेरित किया। सत सनातन मिशन के केंद्रीय ज्ञानाचार्य चंद्र सिंह 'सनातन' ने भी अपने विचारों में सतगुरु सनातन महाराज की भूरी भूरी प्रशंसा की और कहा कि सतगुरु ब्रह्म की अनुभूति कराने आये है। सतगुरु बाबा सनातन महाराज समय के सतगुरु है इनके शरण में आकर मोक्ष को प्राप्त कर लो। ये मुक्ति देने के लिए इस धरती पर प्रकट हुए है। मिशन के बिजनौर जिले के जिला प्रमुख राजीव चौधरी ने आये हुए साध संगतो को आभार व्यक्त किये।इस अवसर पर धामपुर से हरिओम सैनी, जितेंद्र यादव , रणवीर फ़ौजी, चौधरी मनोज फ़ौजी, रणवीर सिंह सैनी, बहन निर्मला, बहन उर्मिला, बहन रौशनी आदि ने भाग लिया।
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