औपचारिक शुरुआत इन विशिष्ट महानुभावों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी माँ सरस्वती की वंदना के साथ हुआ। इसके पश्चात विद्यालय प्रबंधक विवेक कर्णवाल एवं एकता कर्णवाल द्वारा सभी विशिष्ट अतिथियों को पुष्पगुच्छ एवं अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर एवं बैज लगाकर सम्मानित किया गया। विद्यालय प्रधानाचार्या अनीता शर्मा ने अपने स्वागत उद्बोधन में मुख्य अतिथि विशिष्ट अतिथि उपस्थित सम्मानित गणमान्य जन का हार्दिक धन्यवाद प्रेषित किया।कार्यक्रम गणेश वंदना के साथ प्रारंभ हुआ
जिसमें विद्यालय के छात्र छात्राओं ने भगवान गणेश की बड़ी ही मनोहारी झाँकी प्रस्तुत की जिसका निर्देशन कोमल चौहान रजनी शर्मा के कुशल नेतृत्व में संपन्न हुआ। इसके पश्चात अभिभावकों को समर्पित मातृ पितृ देवो भवः कार्यक्रम प्रस्तुत हुआ जिसका निर्देशन काजल वर्मा एवं महिमा राजपूत ने किया था। इसके पश्चात स्वतंत्रता के आंदोलन में कित्तूर की महारानी चेनम्मा के योगदान को याद करते हुए एक लघु नाटिका प्रस्तुत की गई जिसका निर्देशन कमलेश कुमार जोशी एवं भावना अहलावत ने किया था। इसके बाद पृथ्वी पर कल- कल निनाद करती माँ गंगा के अवतरण की प्रस्तुति देते हुए गंगावतरण के रूप में एक लघु नाटिका प्रस्तुत की गई जिसका कुशल निर्देशन चतुर्भुज पाण्डेय, पूजा पाण्डेय एवं वैशाली मित्तल ने किया था। इसके पश्चात बॉलीवुड सिनेमा जगत में तमिल सिनेमा के योगदान को याद करते हुए एक कार्यक्रम प्रस्तुत हुआ जिसका कुशल निर्देशन महिमा राजपूत, शेफाली सिंघल एवं आयुषी ने किया था। इसके पश्चात वृंदावन की गलियों में भगवान श्रीकृष्ण की बाल-लीलाओं एवं उनके द्वारा गोवर्धन पर्वत को उठाने की सुंदर एवं मनोहारी झाँकी प्रस्तुत हुई जिसका निर्देशन गगन शर्मा विकास सैलानी वैशाली मित्तल श्वेता तोमर, मनीषा आदि ने किया था। इसके पश्चात भारतवर्ष के सम्राट चन्द्रगुप्त एवं उनके गुरु चाणक्य की जीवनी को प्रदर्शित करती हुई एक लघु नाटिका प्रस्तुत की गई जिसका निर्देशन कुलदीप शर्मा एवं शैलेंद्र शर्मा ने किया था। इसके पश्चात आदिशक्ति जगतजनी मां दुर्गा के नौ रूपों की प्रस्तुति देते हुए एक नृत्य प्रस्तुत किया गया जिसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की छवि विद्यमान थी जिसका निर्देशन प्रियंका गोयल एवं हंसाली चौहान ने किया था। इसके बाद भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं भारत के विभिन्न क्षेत्रों की विविधताओं को प्रदर्शित करती हुई एक लोक नृत्य प्रस्तुत किया गया जिसका कुशल निर्देशन ऋतु गर्ग कृतिका चौहान काजल भाटिया एवं विकास सैलानी ने किया था। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में जिन वीर बलिदानियों ने अपने प्राणों की कुर्बानी दी थी उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था,इसी झांकी को प्रस्तुत करते हुए परमवीर चक्र के रूप मेंएक शानदार प्रस्तुति की गई थी जिसका निर्देशन अम्बुज भारद्वाज एवं प्रीति चौहान ने किया था। इसके बाद भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार की मनमोहक एवं सुंदर झांकी प्रस्तुत की गई जिसका कुशल निर्देशन कोमल चौहान रजनी शर्मा एवं भावना शर्मा ने किया था। इसके बाद छत्रपति संभाजी महाराज के शौर्य गाथा को प्रदर्शित करती हुई एक लघु नाटिका का आयोजन हुआ जिसका निर्देशन गगन शर्मा सुंदरपाल सिंह एवं हेमंत त्यागी ने किया था। इस झाँकी का विशेष आकर्षण छात्र छात्राओं द्वारा अखाड़े का प्रदर्शन रहा जिसे सभी दर्शकों ने बहुत सराहा और इस समारोह की अंतिम प्रस्तुति के रूप में भारत की पहचान शास्त्रीय नृत्य के रूप में हुआ, जिसका निर्देशन दीपिका शर्मा एवं विभूति त्यागी ने किया था। वार्षिकोत्सव के रंगारंग कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति नमस्ते इंडिया के रूप में हुई। इस वार्षिकोत्सव के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सदस्य विधान परिषद उत्तर प्रदेश एवं पूर्व परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने अपने आतिथ्य उद्बोधन में विद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा प्रदर्शित सभी कार्यक्रमों की हृदय से सराहना करते हुए उन सभी को अपना आशीर्वाद दिया एवं जीवन में शिक्षा के साथ-साथ इन पाठ्येतर सहगामी क्रियाकलापों में भाग लेना चाहिए जिससे हमारा सम्पूर्ण विकास हो सके ऐसा बताया। उन्होंने विद्यालय प्रबंधक द्वारा इतनी शानदार एवं सफल आयोजन को भी साधुवाद देते हुए विद्यालय की भूरि- भूरि प्रशंसा की।
अंत में विद्यालय के प्रबंधक विवेक कर्णवाल ने इस वार्षिकोत्सव में उपस्थित मुख्य अतिथि एवं अतिविशिष्ट अतिथियों गणमान्य नागरिकों समस्त अभिभावकों मातृशक्तियों मीडियाकर्मी बंधुओं एवं पत्रकार बंधुओं को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस वार्षिकोत्सव के सभी कार्यक्रमों के सफल एवं शानदार आयोजन में स्कूल कोऑर्डिनेटर बबिता त्यागी का विशेष एवं सराहनीय योगदान रहा। कार्यक्रम में विद्यालय प्रबंधक विवेक कर्णवाल एवं एकता कर्णवाल, प्रधानाचार्या अनीता शर्मा उप प्रधानाचार्य बिजेन्द्र सिंह नेगी एवं मित्रविंदा कर्णवाल का सराहनीय योगदान रहा। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के समस्त शिक्षक- शिक्षिकाओं का सराहनीय योगदान रहा।
