किरतपुर नगीना मार्ग पर कोर्ट स्टे के बावजूद भू माफिया जमीनों पर कब्जा करने पर तुले हैं
किरतपुर(बिजनौर)अब आपको दिखाते हैं एक ऐसी खबर जो सीधे-सीधे कानून और इंसाफ पर सवाल उठाती है।बिजनौर के किरतपुर क्षेत्र में उच्च न्यायालय के स्टे ऑर्डर के बावजूद ज़बरन कब्ज़ा किया जा रहा है ,और सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें पुलिस की मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं।हमारी टीम ने इस पूरे मामले की जमीनी हकीकत जानी जी हां, हम इस वक्त मौजूद हैं बिजनौर के किरतपुर क्षेत्र में,जहाँ नगीना रोड स्थित इंडेन गैस एजेंसी के पास की यह ज़मीनआज विवाद का बड़ा कारण बनी हुई है।यह वही भूमि है, जिस पर उच्च न्यायालय का स्पष्ट स्टे ऑर्डर है,लेकिन इसके बावजूद आरोप है कि पुलिस प्रशासन की मिलीभगत सेसुनित जैन और सुमित चौधरी नामक व्यक्तियहां ज़बरन कब्ज़ा कर रहे हैं। पीड़ित राजाराम का बयान।हमारे पास रजिस्ट्री, और कोर्ट का स्टे ऑर्डर सब मौजूद है।फिर भी पुलिस इन भूमाफियाओं का साथ दे रही है।हमने उच्च अधिकारियों तक शिकायत कीलेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।राजाराम परिवार का कहना है कि यही लोग पहले भीइसी सड़क के सामने पट्टे की सरकारी जमीन पर अवैध कब्ज़ा करचार,पांच दुकानें और मकान बनाकर बेच चुके हैं।अब यह लोग उसी पैटर्न पर पुश्तैनी जमीन भी हड़पने की कोशिश में हैं।वीडियो फुटेज में यह भी साफ दिखता है किपुलिस खुद मौके पर मौजूद रहकर कब्ज़े में सहयोग करती नज़र आ रही है।सवाल यह उठता है,जब कानून के रखवाले ही कानून तोड़ने लगें,तो आम आदमी को न्याय कौन दिलाएगा?कोर्ट के आदेश की अवहेलना अपने आप में एक गंभीर अपराध है ,इसे न्यायालय की अवमानना कहा जाता है।कानूनी जानकारों का कहना है कि ऐसे मामलों में संबंधित भूमाफियाओं परतुरंत कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।फिलहाल पीड़ित परिवार मीडिया के ज़रिएजिला प्रशासन और पुलिस विभाग से इंसाफ की गुहार लगा रहा है।अब देखना होगा कि क्या शासन-प्रशासनइस स्टे ऑर्डर की खुली अवहेलना परकोई सख्त कदम उठाता है या नहीं।
