कर्मचारी राज्य बीमा सेवाओं द्वारा मध्य प्रदेश में संचालित समस्त औषधालयों व चिकित्सालय में श्री पहल योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ
कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएं द्वारा प्रदेश में संचालित समस्त औषधालयों व चिकित्सालयों में 9 दिसंबर को श्रम मंत्री म.प्र. शासन प्रहलाद पटेल की श्री पहल के अंतर्गत स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।जिसमें मरीजों को और उनके परिवार को उपवास से होने वाले लाभ तथा उसके औषधीय गुण के बारे में विस्तार से बताया गया। यह जानकारी इ एस आई एस के संचालक डॉक्टर चंद्रशेखर जायसवाल ने दी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत चिकित्सकों ने बताया कि 14 घंटे का उपवास यदि सही समय पर और नियमित रूप से किया जाए तो यह आपके शरीर के लिए कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली को संभावित रूप से बढ़ाना और रोगाणुरोधी (antimicrobial) दवाओं पर निर्भरता कम करना शामिल हैसूर्यास्त के बाद उपवास सूर्यास्त के बाद भोजन न करना आपके शरीर की प्राकृतिक सर्कैडियन लय (circadian rhythm) के साथ अच्छी तरह से मेल खाता है। रात भर का यह उपवास जिसे अक्सर आंतरायिक उपवास (intermittent fasting) के रूप में जाना जाता है पाचन तंत्र को आराम देता है और शरीर को मरम्मत (repair) और विषहरण (detoxification) प्रक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देता है। प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System): शोध से पता चलता है कि उपवास ऑटोफैगी (autophagy) को बढ़ावा दे सकता है, एक ऐसी प्रक्रिया जिसमें शरीर पुरानी या क्षतिग्रस्त कोशिकाओं से छुटकारा पाता है, जिससे नई, स्वस्थ कोशिकाओं के लिए जगह बनती है। यह प्रतिरक्षा कोशिकाओं के पुन:उत्पादन और समग्र प्रतिरक्षा कार्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। रोगाणुरोधी उपयोग एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली आपके शरीर को संक्रमणों से अधिक प्रभावी ढंग से लड़ने में मदद कर सकती है। संभावित रूप से सामान्य बीमारियों के लिए रोगाणुरोधी दवाओं (जैसे एंटीबायोटिक्स) की आवश्यकता को कम कर सकती है। 14 घंटे का उपवास शुरू करना काफी सरल है अपनी आखिरी भोजन का समय निर्धारित करें सूर्यास्त के तुरंत बाद या उससे पहले अपना रात का भोजन समाप्त करें।रात भर उपवास करें इस दौरान पानी, हर्बल चाय या ब्लैक कॉफी के अलावा कुछ भी न खाएं।अगली सुबह उपवास तोड़ें अगले दिन सुबह 14 घंटे पूरे होने के बाद अपना पहला भोजन (नाश्ता) करें। साथ ही यह भी सलाह दी गयी कि कोई भी नया आहार शुरू करने से पहले, विशेष रूप से यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो हमेशा एक चिकित्सक या स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना सबसे अच्छा है। डॉ जयसवाल ने बताया कि कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएं के चिकित्सा एवं स्टाफ श्री पहल योजना के अंतर्गत श्रमिकों उनके परिवारजन तथा मरीजों से निरंतर संपर्क में रहते हैं तथा स्वास्थ्य संबंधी उनकी हर शिकायत को दूर करने का प्रयास करते हैं।
