ने यह भी स्पष्ट किया कि वे विधानसभा चुनाव 2027 में सीसामऊ सीट से प्रबल दावेदारी के साथ टिकट की मांग करेंगे और समाज के साथ-साथ सर्वसमाज को जोड़कर विकास की राजनीति को आगे बढ़ाएंगे।फिलहाल, सीसामऊ क्षेत्र में यह चर्चा हो सकती है कि 2022 उपचुनाव से उठी कायस्थ समाज की आवाज अब 2027 के विधानसभा चुनाव में एक निर्णायक भूमिका निभा सकती है।
सीसामऊ उपचुनाव से उठी कायस्थ नेतृत्व की आवाज, 2027 में प्रबल दावेदारी के मिले संकेत, कायस्थ समाज को संगठन में उचित भागीदारी देने की उठी मांग
कानपुर, वर्ष 2022 के विधानसभा उपचुनाव में सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र संख्या 213 से कायस्थ युवा प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरने की मंशा जताई है,गिरजेश निगम जो अखिल भारतीय कायस्थ महासभा युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश महामंत्री हैं ने चुनाव के दौरान कायस्थ समाज के अधिकारों और राजनीतिक भागीदारी को लेकर मुखर आवाज उठाई थी। उनके अभियान ने समाज के भीतर नई ऊर्जा और राजनीतिक चेतना का संचार किया। गिरजेश निगम ने उपचुनाव के दौरान यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया कि कायस्थ समाज को संगठन और सत्ता संरचना में उसका उचित स्थान मिलना चाहिए साथ ही उन विषयों को भी सामने रखा जिनके चलते समाज को लंबे समय से उपेक्षित किया जाता रहा है। उनका कहना था कि कायस्थ समाज शिक्षा, प्रशासन और संगठन क्षमता में अग्रणी रहा है, फिर भी उसे अपेक्षित प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया।राजनीतिक जानकारों के अनुसार, इन प्रयासों का असर अब संगठनात्मक स्तर पर भी दिखाई देने लगा है। हाल ही में भाजपा द्वारा कायस्थ समाज के युवा नेता एवं बिहार सरकार के मंत्री नितिन नबीन को कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपे जाने को इसी सामाजिक चेतना और संगठनात्मक दबाव का परिणाम माना जा रहा है। नितिन नबीन अखिल भारतीय कायस्थ महासभा युवा प्रकोष्ठ के संरक्षक भी हैं।इस संबंध में गिरजेश निगम का कहना है कि यह निर्णय कायस्थ समाज को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती प्रदान करेगा और आने वाले समय में संगठन के विभिन्न पदों पर समाज को सम्मानजनक स्थान मिलेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि इससे युवाओं का राजनीतिक सहभाग और अधिक बढ़ेगा। कायस्थ समाज से आने वाले भाजपा नेता गिरजेश निगम
